खुलने का समय: Annual
निकटतम हवाई अड्डा: नेताजी सुभाष चंद्र
निकटतम रेलवे स्टेशन: हावड़ा, सियालदह
गंगा सागर मेला गंगा नदी और बंगाल की खाड़ी के संगम पर आयोजित होने वाला दूसरा सबसे बड़ा मानव (कुंभ मेला के बाद) मण्डली है। यह कोलकाता से 100 किमी दूर है।
यहां आप गंगा सागर में रहते हुए अपनी रगों में दौड़ती आध्यात्मिकता को महसूस कर सकते हैं। कोई विश्वास की लहरों में गोता लगा सकता है। आओ और गंगा सागर में सनातन धर्म की शिक्षाओं के इस चमत्कार के दर्शन करो। और मोक्ष प्राप्त करने के लिए पवित्र डुबकी लगाएं।
एक कहावत है "सब तिथा बरबर, गंगा सागर एकबार"। एक तीर्थ जिसमें हर साल लाखों तीर्थयात्री पवित्र डुबकी लगाने आते हैं, जो जीवन भर किए गए सभी पापों को धो देता है।
यह द्वीप बहुत बड़ा है और 224.3 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है, बंगाल की खाड़ी के तट पर स्थित है। मेला कपिल मुनि आश्रम के आसपास आयोजित किया जाता है।
यह पश्चिम बंगाल की सबसे बड़ी और सबसे पुरानी जीवित परंपरा है जिसका उल्लेख रामायण और महाभारत में किया गया है।
इसका अस्तित्व 400 ईसा पूर्व दर्ज किया गया था। किंवदंती के अनुसार, कपिल मुनि के आश्रम का निर्माण 430 ईस्वी में रानी सत्यभामा द्वारा किया गया था, और मूर्ति की स्थापना स्वामी रामानंद ने 1437 में की थी, जिससे तीर्थयात्रा की शुरुआत हुई जो आज भी कालातीत है।